पिछले साल न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा द्वारा एक समारोह में प्रधानमंत्री की प्रशंसा किए जाने के बाद वह सबकी नजरों में आ गए थे। न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) मिश्रा ने मोदी को 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य दूरदर्शी नेता' बताया था।
शनिवार को भी अपने संबोधन में न्यायमूर्ति शाह ने गुजरात उच्च न्यायालय को अपनी कर्मभूमि बताया था। इस न्यायालय में उन्होंने 22 साल वकील की तरह और 14 साल न्यायाधीश की तरह सेवा दी थी। प्रधानमंत्री ने हीरक जयंती समारोह में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
समारोह में मोदी ने भारतीय न्यायपालिका की यह कहते हुए सराहना की कि उसने लोगों के हितों की रक्षा करने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कायम रखने का अपना दायित्व बखूबी निभाया और यह काम उस समय भी किया गया जब राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता थी।