रॉ के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी सीबीआइ के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव और एसएसबी के पूर्व डीजी व त्रिपुरा के पूर्व पुलिस प्रमुख बीएल वोहरा समेत 180 लोगों ने एक बयान जारी करके उन पूर्व नौकरशाहों का एक खुले पत्र में जमकर विरोध किया है।
किसान आंदोलन को लेकर पूर्व नौकरशाहों और जजों के एक समूह ने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए एमएसपी पर कानूनी आश्वासन दिया और कृषि सुधार कानूनों को 18 महीने तक लागू नहीं करने पर सहमति जता दी। लेकिन कुछ पूर्व नौकरशाह आंदोलन को गलत दिशा मे लेजाने की कोशिश जुटा है।
भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी, सीबीआइ के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव और एसएसबी के पूर्व डीजी व त्रिपुरा के पूर्व पुलिस प्रमुख बीएल वोहरा समेत 180 लोगों ने एक बयान जारी करके उन पूर्व नौकरशाहों का एक खुले पत्र में जमकर विरोध किया है। इन पूर्व नौकरशाहों ने करीब 75 दिनों पहले, किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर विरोधी और टकराव भरा रुख अपनाने का आरोप लगाया था।
सोमवार को पूर्व नौकरशाहों और पूर्व जजों के समूह ने बयान जारी करते हुए सरकार के रुख का समर्थन किया उन्होने कहा सरकार ने कहा असली किसान देश विरोधी नही वह देश भगत है किसान ट्रेक्टर परेड के नाम से जो गणतंत्रा दिवस पर दिल्ली मे हुआ उस मे सरकार ने अत्यधिक संयम दिखाकर टकराव को टाल दिया।
उनका कहना है मासूम किसानों को सरकार के खिलाफ खड़ा करके राजनीतिक मकसद को साधने के लिए इन बुद्धिजीवियों ने किसानों को जानबूझकर गुमराह करने की कोशिश की है