चुनावी और राजनीतिक सुधारों की पैराकार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिकट रिफॉर्म्स’ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि साल 2016-2020 के बीच पार्टी बदलने वाले 44 फीसदी विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान कांग्रेस के 170 विधायक दूसरे दलों में शामिल हो गए जबकि भाजपा के सिर्फ 18 विधायकों ने दूसरी पार्टियों की तरफ रुख किया। 2016-2020 के चार सालों मे अपना पाला बदलकर फिर से चुनावी मैदान में उतरने वाले 405 विधायकों में से 182 भाजपा में शामिल हुए तो 28 विधायक कांग्रेस और 25 विधायक तेलंगाना राष्ट्र समिति का हिस्सा बने.रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान पांच लोकसभा सदस्य भाजपा को छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हुए तो 2016-2020 के दौरान कांग्रेस के सात राज्यसभा सदस्यों ने दूसरी पार्टियों में शामिल हुए. एडीआर की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-2020 में हुए चुनावों के दौरान कांग्रेस के 170 विधायक दूसरे दलों में शामिल हो गए तो इसी दौरान भाजपा के सिर्फ 18 विधायकों ने दूसरी पार्टियों का दामन लिया।