भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने 26 जनवरी की घटना के बाद अपने संगठन को किसान मोर्चा से दूर कर लिया था उन्होने आरोप लगाया 26 जनवरी को हमें मालूम पड़ा था कि जितने भी संगठन सिंघु बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे। यह सब कांग्रेस के खरीदे हुए और कांग्रेस के भेजे हुए संगठन थे। कांग्रेस इनको फंडिंग कर रही थी।
किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने कहा हम केंद्र से बात करेंगे और उन्हें एक किसान समिति बनाने के लिए कहेंगे जो एमएसपी पर सलाह देगी। उनका कहना है किसानों की मांग इस लिए पूरी नहीं हुई हैं, क्योंकि जो लोग दूसरों के द्वारा भेजे गए हैं, वे 4-5 वर्षों के लिए इसमें देरी करना चाहते हैं।
भानु प्रताप सिंह ने कहा कि 26 जनवरी को जो हुआ वह सही नही था हमने उसी दिन संकल्प लिया कि हम इनके साथ नहीं रहेंगे और हम चले आए।