छत्तीसगढ़ में रविवार को नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए हैं। ये कोई पहली बार नहीं जब नक्सलियों ने इतना बड़ा हमला किया हो। इससे पहले भी लाल आतंक रह रहकर राज्य को दहलाता रहा है।
रायपुर:
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के नक्सल कॉरिडोर सुकमा (Sukma Naxal Attack) में एक बार फिर से सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला किया गया। नक्सलियों की इस कायराना हरकत में 22 जवान शहीद हो गए गए हैं जबकि एक अभी भी लापता है। जंगली इलाकों की वजह से सुकमा और खासतौर पर दंतेवाड़ा, बस्तर समेत छत्तीसगढ़ (Bijapur Naxal Attack) के कई इलाके नक्सलियों का सॉफ्ट टार्गेट रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि इससे पहले नक्सलियों (Naxal Attack in Chhattisgarh) ने राज्य में कब-कब खून की होली खेली।
श्यामगिरी- 9 अप्रैल 2019
दंतेवाड़ा के लोकसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले नक्सलियों ने चुनाव प्रचार के लिए जा रहे भाजपा विधायक भीमा मंडावी की कार पर हमला किया था। माओवादियों के इस हमले में भीमा मंडावी के अलावा उनके चार सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे।
दुर्गपाल- 24 अप्रैल 2017
सुकमा जिले के दुर्रपाल के पास नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवान उस समय मारे गए, जब वो सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा के बीच खाना खा रहे थे।
दरभा- 25 मई 2013
बस्तर के दरभा घाटी में हुए इस माओवादी हमले में आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 30 लोग मारे गए थे।