बतौर पीएम अपने दूसरे कार्यकाल में नरेंद्र मोदी मंत्रालयों केलिए हर हाल में द्रुत गति से काम और लक्ष्य प्राप्ति को पैमाना बनाया है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) प्रतिदिन के कामकाज केआधार पर विभिन्न मंत्रालयों के प्रदर्शन की रिपोर्ट तैयार करेगा।
विज्ञापन
जबकि पीएम मोदी खुद हर तीसरे महीने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। इस कड़ी में पीएम मोदी की निगाहें खासतौर पर उन मंत्रालयों केकामकाज पर टिकी होगी, जिनपर आजादी की 75वीं वर्षगांठ (साल 2022) पर अहम योजनाओं को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी है। मानक पर खरे उतरने में नाकाम रहे मंत्रियों पर साल के अंत में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में गाज गिरेगी।
दरअसल अपने नए कार्यकाल में पीएम ने वर्ष 2022 तक सरकार के लिए कई लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इनमें ऊर्जा मंत्रालय के पास हर घर में बिजली पहुंचाने, कृषि मंत्रालय के पास किसानों को फसल की लागत मूल्य से दो गुना मूल्य सुनिश्चित करने, ग्रामीण विकास के पास सबको पक्का मकान देने, जल संसाधन के पास हर गांव में पेयजल पहुंचाने, सड़क-परिवहन मंत्रालय के पास राजमार्गों की लंबाई में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी करने, पेट्रोलियम के पास सभी घरों में गैस कनेक्शन पहुंचाने तो मानव संसाधन मंत्रालय के पास नई शिक्षा नीति तैयार करने की जिम्मेदारी है। पीएम इन योजनाओं में रत्ती भर भी कोताही नहीं बरतना चाह रहे। उनकी इच्छा है कि तय लक्ष्यों को समय से पहले हासिल किया जाए।
कैसे होगी समीक्षा
पहले पीएमओ इन मंत्रालयों को दी गई जिम्मेदारियों की प्रतिदिन के आधार पर समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करेगा। फिर पीएम हर तीन महीने में प्रगति की समीक्षा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि तीन महीने बाद कभी भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। जाहिर तौर पर पीएम के पैमाने पर खरे न उतरने वाले मंत्रियों पर इस विस्तार में गाज गिरनी तय है।