अगस्त 2022 के दौरान विभाग की तरफ से कुल 1016 सैंपल भरे गए, जिनमें से दूध के कुल 676 सैंपल लिए गए थे. उनमें 278 सैंपल मान्यता पर खरे नहीं उतरे. लिहाजा फूड सेफ्टी विभाग की तरफ से पूरे पंजाब में खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता को चैक करने के लिए कुल 7 मोबाइल फूड सेफ्टी वैनें तैनात की गई हैं.
चंडीगढ़. पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार की तरफ से घटिया दर्जे के खाद्य-पदार्थों की बिक्री के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत फूड सेफ्टी विंग की तरफ से खाने-पीने की वस्तुएं बेचने वालों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. त्योहारों के सीजन को मुख्य रखते हुए फूड सेफ्टी विभाग की तरफ से खाने-पीने का सामान बेचने वाले विक्रेताओं पर पैनी नजर रखी जा रही है जिससे कोई भी गलत या अखाद्य वस्तु लोगों तक पहुंचने से रोकी जा सके और लोगों का स्वास्थ्य तंदरुस्त रह सके.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसको मुख्य रखते हुए फूड सेफ्टी विभाग की तरफ से अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं जिससे वह दूसरे जिलों में जाकर भी खाने-पीने का समान बेचने वाले विक्रेताओं की जांच कर सकें. अगर कोई मानक से कम या न खाने योग्य सामान बेच रहा है तो उसके खिलाफ फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड एक्ट के अधीन जिले के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर, कम ऐजुकेटिंग अफसर (फूड सेफ्टी) की कोर्ट में फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड एक्ट 2006 की धाराओं के अधीन कार्यवाही करते हुए भारी जुर्माना किया जाता है. अगर कोई सैंपल अखाद्य पाया जाता है तो उसका केस माननीय ज्यूडिशियल कोर्ट में दायर किया जाता है.