केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि सफल चंद्रयान मिशन के बाद, भारत पहले सूर्य मिशन “आदित्य-एल1” इसरो के साथ पूरी तरह तैयार है। ये मिशन 2 सितंबर को लॉन्च होगा।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, पूरी दुनिया भारत के चंद्रयान मिशन का जश्न मना रही है, इसके साथ ही अब सूर्य मिशन में लोगों की रुचि भी कई गुना बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को श्रेय देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, यह सब संभव नहीं होता, अगर प्रधानमंत्री ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को अतीत की बेड़ियों से मुक्त करने का साहसी पथ-प्रदर्शक निर्णय नहीं लिया होता, जो किसी अन्य सरकार ने नहीं लिया था। परिणामस्वरूप, आज चार साल की छोटी अवधि के भीतर, इसरो के वित्तीय संसाधनों में वृद्धि हुई है, स्टार्टअप की संख्या 4 से बढ़कर 150 हो गई है और भारत की उपग्रह प्रक्षेपण सुविधा की विश्वसनीयता अचानक इतनी बढ़ गई है कि अब तक यूरोपीय उपग्रहों के प्रक्षेपण से भारत ने 260 मिलियन यूरो से अधिक की कमाई की है और अमेरिकी उपग्रह के प्रक्षेपण से भारत ने 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमाई की है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, यह पीएम मोदी द्वारा वैज्ञानिक समुदाय का सम्मान बढ़ाने के कारण ही है कि आज हमारे पास सूर्य के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने का आत्मविश्वास और दृढ़ विश्वास है। उन्होंने बताया कि सूर्य अंतरिक्ष मिशन आदित्य-एल1, सात पेलोड (बोर्ड पर उपकरण) के साथ ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का उपयोग करेगा।
अंतरिक्ष यान सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु-1(एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थित होगा, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। मंत्री ने आगे कहा कि, मंगल और चंद्रमा मिशन के बाद, आदित्य एल-1 तीसरा ऐसा मिशन है। यह सूर्य से प्राप्त ऊर्जा स्रोतों का अध्ययन करेगा।