प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी गुजरात दौरे पर हैं. गुजरात दौरे के दूसरे दिन यानी आज शुक्रवार को पीएम मोदी ने गांधीनगर और मुंबई के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को शुक्रवार को हरी झंडी दिखाई. इसके बाद अहमदाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज यह मेरे लिए गौरव का पल है.
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी गुजरात दौरे पर हैं. गुजरात दौरे के दूसरे दिन यानी आज शुक्रवार को पीएम मोदी ने गांधीनगर और मुंबई के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को शुक्रवार को हरी झंडी दिखाई. इसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया. इस परियोजना में अपैरल पार्क से थलतेज तक लगभग 32 किमी का पूर्वी-पश्चिमी गलियारा और मोटेरा से ग्यासपुर के बीच उत्तर-दक्षिण गलियारा शामिल है. इस दौरान पीएम मोदी ने वंदे भारत ट्रेन को हवाई जहाज का विकल्प बताया.
अहमदाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज यह मेरे लिए गौरव का पल है. आज 21वीं सदी के भारत के लिए, अर्बन कनेक्टिविटी के लिए और आत्मनिर्भर होते भारत के लिए बहुत बड़ा दिन है. 21वीं सदी के भारत को देश के शहरों से नई गति मिलने वाली है. बदलते हुए समय, बदलती हुई जरूरतों के साथ अपने शहरों को भी निरंतर आधुनिक बनाना जरूरी है. शहर में ट्रांसपोर्ट का सिस्टम आधुनिक हो, सिमलेस कनेक्टिविटी हो, यातायात का एक साधन दूसरे को सपोर्ट करे, ये किया जाना आवश्यक है.
प्रधानमंत्री ने पूर्वी-पश्चिमी गलियारे में मेट्रो ट्रेन खंड के कालूपुर स्टेशन पर परियोजना का उद्घाटन किया. इससे पहले, प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखायी और वह इसी पर सवार होकर कालूपुर स्टेशन पहुंचे. पूर्व-पश्चिम गलियारे में थलतेज-वस्त्रल मार्ग में 17 स्टेशन हैं। इस गलियारे में चार स्टेशनों के साथ 6.6 किमी का भूमिगत खंड भी है. ग्यासपुर को मोटेरा स्टेडियम से जोड़ने वाले 19 किमी उत्तर-दक्षिण गलियारे में 15 स्टेशन हैं। पहले चरण की पूरी परियोजना 12,900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित की गई है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक अहमदाबाद मेट्रो भूमिगत सुरंगों, वायडक्ट और पुलों, एलिवेटेड और भूमिगत स्टेशन भवनों, गिट्टी रहित रेल पटरियों और चालक रहित ट्रेन संचालन के अनुरूप रोलिंग स्टॉक आदि से युक्त एक विशाल अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा परियोजना है. मेट्रो ट्रेन कम खपत वाली एक प्रणाली से सुसज्जित है, जिससे ऊर्जा की खपत में लगभग 30 से 35 प्रतिशत की कमी हो सकती है. ट्रेन में अत्याधुनिक सस्पेंशन सिस्टम है जो यात्रियों को बहुत ही सहज सवारी का अनुभव प्रदान करती है.