छात्र अब एक साथ कर सकेंगे दो डिग्री, प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस को लेकर भी गाइडलाइन जारी

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यूजीसी ने छात्रों को सभी विश्वविद्यालयों से एक साथ दो शैक्षणिक डिग्री हासिल करने की मंजूरी दे दी है। इस सुविधा के लिए वैधानिक बदलाव करने के लिए गाइडलाइंस भी जारी कर दिए गए हैं।

 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बीते दिन छात्रों के लिए बड़ा तोहफा दिया है। अब छात्र इस शैक्षणिक सत्र से एकसाथ दो डिग्री हासिल कर सकेंगे। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से एक साथ दो शैक्षणिक डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की सुविधा के लिए वैधानिक बदलाव करने के लिए गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं। यूजीसी ने इसी के साथ प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस, पीएचडी व विदेशी छात्रों के लिए ज्यादा सीटों पर दाखिले के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, छात्र अब फिजिकल मोड में दो पूर्णकालिक शैक्षणिक प्रोग्राम को जारी रख सकेंगे। बशर्ते इस दौरान एक डिग्री की पढ़ाई दूसरी डिग्री के पढ़ाई के समय को बाधित न करे। हालांकि यह पीएचडी कार्यक्रमों के लिए लागू नहीं है।

यूजीसी ने कहा कि देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों को अब विदेशी छात्रों के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें सृजित करने की अनुमति होगी और उनके लिए पारदर्शी प्रवेश प्रक्रिया अपनानी होगी। बता दें कि भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश और सुपरन्यूमेरी सीटों के लिए दिशानिर्देश का मसौदा पिछले महीने सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था और अब इसे अधिसूचित किया गया है।

प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस को लेकर भी अब नए दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब 15 साल से अपने क्षेत्र में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले लोगों को बिना अकेडमिक डिग्री प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा। वे एक या दो साल तक प्रोफेसर बनकर सेवाएं दे सकेंगे।

यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) से पहले भी अपने वैधानिक निकायों के माध्यम से छात्रों को एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रम करने की अनुमति देने के लिए तंत्र तैयार करने को कहा था। अब यूजीसी ने गाइडलाइन जारी कर एक बार फिर अनुरोध किया है कि छात्रों के व्यापक हित में उक्त योजना का कार्यान्वयन तेज किया जाए।

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