गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन में आतंकी वित्त पोषण और आतंकवाद के वैश्विक रूझान विषय पर आयोजित सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को पनाह देना आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. ऐसे तत्व अपने मंसूबों में कामयाब न हों, यह देखना हम सबकी है सामूहिक ज़िम्मेदारी है.
गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों का बचाव करना आतंकवाद को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को संरक्षण और शरण देने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे देश हैं, जो आतंकवाद से लड़ाई के सामूहिक संकल्प को कमजोर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह और उनके संसाधनों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित और उन्हें समर्थन देने वाले तत्वों को उजागर करना आवश्यक है.
सुरक्षा ढांचे के समक्ष प्रौद्योगिकी से उत्पन्न चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा कि तकनीकी की वजह से आतंकवाद का स्वरूप लगातार परिवर्तित हो रहा है. गृहमंत्री ने कहा कि इनका मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा डार्क नेट और वर्चुअल मुद्रा के इस्तेमाल पर रोक लगाना बहुत महत्वपूर्ण है. गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का डायनामाइट्स से मेटावर्स और एके-47 से वर्चुअल परिसम्पत्तियों में बदलाव विश्व के लिए चिंता का विषय हैं.
गृहमंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकी वित्त पोषण के स्रोतों पर रोक लगाने के लिए कई प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सामूहिक प्रयासों के परिणामस्वरूप आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है.