देश जल्द ही मेक इन इंडिया एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी के सुरक्षा कवच से लैस होगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ये एलान किया है. सबसे पहले देश की सीमाओं की सुरक्षा करने वाले बलों को इस तकनीक से लैस किया जाएगा.
एंटी ड्रोन टेक्नीक का सुरक्षा कवच
दिल्ली में आयोजित बीएसएफ के अलंकरण समारोह में गृह मंत्री ने कहा- "ड्रोन के खिलाफ़ हमारी मुहिम आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है. ड्रोन के खिलाफ़ प्रणालियों को विकसित करने के लिए डीआरडीओ और हमारी अन्य एजेंसियां लगी हुई हैं. मुझे भरोसा है कि बहुत कम समय में ड्रोन विरोधी स्वदेशी तकनीक के साथ हम सीमा पर अपनी तैनाती बढ़ायेंगे और इस ख़तरे को भी हम पार करेंगे." हाल ही में जम्मू एयरपोर्ट पर ड्रोन से हुए आतंकी हमले के मद्देनजर अमित शाह का ये बयान काफी अहम हो जाता है. वो भी तब जब पाकिस्तान से लगे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों ने हाल के दिनों में ड्रोन की ज्यादा गतिविधियों को दर्ज किया है. गृह मंत्री के निर्देश पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी से सुरक्षा बलों को जल्द लैस करने के मकसद से डीआरडीओ और अन्य एजेंसियों के साथ हाल ही में एक बैठक की अध्यक्षता भी की थी.
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की चुनौतियों से भी निपटेंगे
गृह मंत्री ने सुरक्षा बलों को अन्य उभरती तकनीकों के जरिए मिलने वाली चुनौतियों को लेकर भी तैयारियां करने को कहा है. उन्होंने कहा कि - "हम सबको इस चुनौती को भी स्वीकार करना पड़ेगा कि अब भविष्य में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और रोबॉटिक्स तकनीक का उपयोग होने की आशंका हो सकती है ड्रोन के खिलाफ़ तो हम सारे रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन इसके लिए भी एक दीर्घकालिक योजना बनानी पड़ेगी."
नए ड्रोन नियमों का भी मसौदा हुआ जारी
एक तरफ ड्रोन के आतंकी इस्तेमाल को लेकर सुरक्षा तंत्र को मज़बूत बनाया जा रहा है तो वहीं केंद्र सरकार ने देश में ड्रोन के ऑपरेशन को लेकर नए नियमों का मसौदा जारी किया है. हाल ही में जम्मू एयरपोर्ट पर ड्रोन से हुए आतंकी हमले और पाकिस्तानी सीमा की तरफ से ड्रोन के जरिए लगातार रची जा रही साजिशों के मद्देनजर नए नियमों को काफी अहम माना जा रहा है. हालांकि सरकार के मुताबिक नए नियम विश्वास और स्व-प्रमाणन के साथ ही बिना घुसपैठ वाली निगरानी के आधार पर
तैयार किया गया है.
नए ड्रोन नियम: 'नो परमिशन नो टेक ऑफ'
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नए 'ड्रोन नियम, 2021' का मसौदा जारी किया है. ड्राफ़्ट में सरकार ने एनपीएनटी यानी 'नो परमिशन नो टेक ऑफ' की नीति अपनाने की बात तो कही है, लेकिन पहले के मुकाबले उद्योगों के लिए छूट भी बढ़ाया गया है.
नए नियमों का मसौदा हाल ही में जारी यूएएस नियम यानी मानव रहित विमान प्रणाली नियमों से बिल्कुल अलग हैं तो साथ ही वो उसकी जगह भी लेंगे. आइए आपको बताते हैं कि
नए ड्रोन नियमों के ड्राफ़्ट की कौन सी बड़ी बातें हैं. इसके मुताबिक
1. कई स्वीकृतियां समाप्त कर दी गई हैं और प्रक्रियाओं को आसान बना दिया गया है
2. अनुमति या अनुमोदन के लिए भरे जाने वाले फॉर्म की संख्या 25 से घटाकर 5
3. ड्रोन का कवरेज 300 किलो से बढ़ाकर 500 किलो किया गया, जिसमें ड्रोन टैक्सी भी है शामिल
4. ड्रोन ऑपरेशन के लिए शुल्क नाममात्र के स्तर तक घटाया गया
5.डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को संवेदनशीलता के आधार पर रेड, येलो और ग्रीन जोन में विभाजित किया गया
6. हवाई अड्डे की परिधि से येलो जोन 45 किमी से घटाकर 12 किमी किया गया
7. ग्रीन जोन में 400 फीट तक उड़ान के लिए अनुमति की जरूरत नहीं
8. कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किया जाएगा
9. किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है
10. अनुसंधान एवं विकास से जुड़ी संस्थाओं के लिए न्यूनतम कागजी कार्रवाई
11. ड्रोन के हस्तांतरण और पंजीकरण रद्द करने की आसान प्रक्रिया
12. गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए
माइक्रो ड्रोन, नैनो ड्रोन और अनुसंधान एवं विकास संगठनों के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है
नए नियमों पर सरकार ने लोगों से मांगी राय
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 5 अगस्त तक ड्रोन नियमों के मसौदे को लेकर आम लोगों की राय मांगी है. विभाग के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करके कहा - "कम लागत, संसाधनों और ऑपरेशन में लगने वाले कम समय के साथ ड्रोन, दुनिया भर में अगली बड़ी तकनीकी क्रांति ला रहे हैं। यह हम पर है कि हम नई लहर पर सवार हों और विशेष रूप से हमारे स्टार्टअप्स के बीच इसे आगे बढ़ाने में मदद करें। यही आगे का रास्ता है!"