सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल में ‘विश्व ब्रेल दिवस’ मनाया गया। इस मौके पर प्रिंसिपल रुपिंदरजीत सिंह के नेतृत्व में स्कूल के शिक्षकों ने ब्रेल दिवस को लेकर सुंदर बैनर बनाकर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को इस दिन के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्रेल अक्षरों व संख्यात्मक प्रतीकों की एक साफ-सुथरी लेखन प्रणाली है, जिसमें प्रत्येक अक्षर व संख्या का प्रतिनिधित्व करने के लिए छह बिंदुओं का उपयोग किया जाता है।
यहां तक कि ब्रेल में संगीतमय, गणितीय व वैज्ञानिक प्रतीकों का भी प्रतिनिधित्व किया जाता है। ब्रेल का नाम 19वीं सदी के फ्रांस में आविष्कारक लुई ब्रेल के नाम पर रखा गया है। ब्रेल का उपयोग दृष्टिबाधित व आंशिक रूप से देखने वाले लोगों द्वारा पुस्तकों व अक्षरों को पढऩे के लिए किया जाता है, जो दृश्य फॉंट में मुद्रित होते हैं।
उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित व्यक्ति भी इस लिपि के माध्यम से अलग-अलग अध्ययन कर समाज में अपनी अलग पहचान बना सकते हैं व जीवन को सुखमय व्यतीत कर सकते हैं। वाईस चेयरपर्सन संगीता चोपड़ा ने सभी छात्रों को ऐसे जरूरतमंद बच्चों की मदद करने, कड़ी मेहनत करके व चुनौतियों से उठकर सफल व्यक्ति बनने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर बच्चों ने ब्रेल भाषा से संबंधित 1 से 9 तक की संख्या को लिखना भी सीखा।