ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरी दुनिया में बात हो रही है. एक्सपर्ट्स लगातार चेतावनी दे रहे हैं. कई देश इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं. भारत ने भी वैश्विक पटल पर इस मुद्दे को उठाया और जमीन पर इसके लिए लगातार काम हो रहे हैं. इन सबके बीच जालंधर में एक समाजसेवी कमल शर्मा मिसाल के रूप में सामने आए हैं. उन्होंने दिखाया कि कैसे हर एक इंसान पर्यावरण के लिए बेहतर कर सकता है. उन्होंने शहर को हरा भरा बनाने के लिए अपनी टीम के साथ मिलकर 40,000 से ज्यादा पौधे जालंधर और इसके नजदीक शहरों में लगा चुके हैं ।खास बात है कि इसके लिए उन्होंने किसी भी सरकार से आर्थिक मदद नहीं ली।
कमल शर्मा ने बताया, “पर्यावरण और पेड़-पौधों के महत्व का एहसास कोविड काल में ऑक्सीजन की कमी से देश में लोगों की मृत्यु के बाद हुआ.आज हम भौतिक सुख-सुविधाओं के जाल में फंसते जा रहे, जिसका पूरा दबाव पर्यावरण पर पड़ रहा है. धीरे-धीरे पक्षियों की बहुत-सी प्रजातियां ख़त्म हो गयी हैं. या ख़त्म होने के कगार पर हैं. जिसके कारण पर्यावरण में बहुत असंतुलन पैदा हो गया है. पर्यावरण और मानव प्रजाति को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की आवश्यकता है. बस इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने अपनी टीम के साथ मिलकर मिनी जंगल/ ऑक्सीजन बाग की मुहिम चलाई.
सादगी में ही असली समृद्धि है। कमल शर्मा ने बताया कि मैं और मेरा परिवार प्रकृति के करीब रहकर बहुत खुश हैं। शर्मा जी का घर जालंधर शहर के बीचो-बीच कमल विहार में स्थित है घर के अंदर एक सुंदर गार्डन है यहां पर आम के पेड़ लगे हुए हैं और साथ ही दो गाय रखी हुई है,
जहाँ कई तरह के फूलों के पौधे लगे हुए हैं। इसके अलावा, घर की छत पर किचन गार्डन और नर्सरी बनाई गई है किचन गार्डन में उन्होंने प्याज, लहसुन मुली , बैंगन , टमाटर , भिंडी, सरसों आदि लगाए हुए हैं नर्सरी में नीम के पौधे , पीपल के पौधे और नींबू के पौधे भी लगाए हुए हैं
यहां पर वेस्ट मैनेजमेंट बहुत अच्छे से किया गया है किचन गार्डन में सभी सब्जियां पुराने सामान जैसे कि पानी की टंकी, पुरानी बाल्टी आदि का इस्तेमाल करके बनाई गई है ।
घर की छत पर ही ऑर्गेनिक खाद भी पैदा की जाती है। आइए हम भी मिलकर ट्री-मैन कमल शर्मा से शिक्षा लेते हुए अपने घर और शहर को ग्रीन और स्वच्छ बनाने का संकल्प लें।
Hariyawal Punjab Kamal vihar team ka bahut shukriya good job